Agrafast: लेखपाल ने किया जाति प्रमाणपत्र बनाने में बड़ा फर्जीवाड़ा

Agrafast: लेखपाल ने किया जाति प्रमाणपत्र बनाने में बड़ा फर्जीवाड़ा |अनुसूचित जाति से जुड़ा लाभ लेने के लिए कानपुर स्थानांनतरण से 3 दिन पूर्व जारी कर दिए 18 फर्जी जाति प्रमाण पत्र |

Agrafast: लेखपाल ने किया जाति प्रमाणपत्र बनाने में बड़ा फर्जीवाड़ा

 ताजनगरी की फतेहाबाद तहसील में अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र जारी करने से जुड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है | तहसील में तैनात रहे लेखपाल राजीव कुमार द्वारा स्थानांतरण से 3 दिन पूर्व ही पिछड़ी जाति में शामिल बघेल जाति के 18 लोगों को अनुसूचित जाति में दिखाकर उनके धनगर व मझवार जाति से जुड़े फर्जी प्रमाणपत्र जारी कर दिये |

आरोपी बलवीर सिंह द्वारा अपना, अपनी बेटी और पिता का भी फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया गया | बता दें कि फतेहाबाद तहसील के चकबंदी लेखपाल राजीव कुमार वर्तमान समय में कानपुर की बिल्हौर तहसील के अंतर्गत तैनात हैं |प्रतिनियुक्ति पर राजीव कुमार वर्ष 2023-24 के दौरान फतेहाबाद तहसील के अंतर्गत राजस्व लेखपाल के रूप में तैनात रहे थे |

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तभी 9 जुलाई 2024 को राजीव कुमार का राजस्व लेखपाल से चकबंदी लेखपाल के तौर पर स्थानांतरण हुआ था | राजीव कुमार द्वारा अपने कार्यमुक्त से तीन दिन पूर्व 6 जुलाई 2024 को धनगर व मझवार जाति से जुड़े 18 फर्जी प्रमाणपत्र ऑनलाइन जारी किए गये थे |

फतेहाबाद तहसील के तहसीलदार आशीष त्रिपाठी द्वारा  बताया गया कि 14 फरवरी 2024 को अचानक जाति प्रमाणपत्र जारी करने वाले ऑनलाइन पोर्टल ई-डिस्ट्रिक्ट का सत्यापन किया गया | सभी लोगो को धनगर व मझवार जाति के प्रमाणपत्र दिए गए | जिन लोगों के नाम से प्रमाणपत्र जारी हुए वो सभी तहसील के हिरनेर नवादा खेड़ा, वाजिदपुर, मेवली खुर्द गांव निवासी पाये गये |

तहसीलदार आशीष त्रिपाठी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इन गांव में कई बार राजस्व सर्वे हुआ मगर, गांव के अंतर्गत धनगर व मझवार जाति का एक भी व्यक्ति कभी नहीं रहा है |

बता दें कि अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र के जरिये सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर छात्रों को गुमराह किया गया | जांच के दौरान पता चला कि लेखपाल राजीव कुमार द्वारा छात्रों को एससी जाति का प्रमाणपत्र जारी कराने का लालच देकर मोटी रकम की वसूली की जाती थी |

दो साल की तैनाती के दौरान लेखपाल द्वारा एक भी धनगर व मझवार जाति का प्रमाणपत्र नहीं बनाया गया लेकिन, स्थानांतरण से तीन दिन पूर्व ही 18 फर्जी प्रमाणपत्र जारी कर दिए गये |

अब तहसील प्रशासन द्वारा इन फर्जी प्रमाण पत्र के निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए गये हैं | इस बारे में लेखपाल राजीव कुमार द्वारा अपनी सफाई में तहसील प्रशासन को जानकारी दी गई कि बलवीर द्वारा कई लेखपालों के आईडी व पासवर्ड हैक करके इस तरह की गतिविधि को अंजाम दिया जाता है |

प्रधानों के लेटरपैड लगा दिये गये: 

तहसीलदार आशीष त्रिपाठी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार फर्जी प्रमाण पत्रों की जांच की गई तो खुलासा हुआ कि प्रधानों के खाली लेटरपैड पर अनुसूचित के अंतर्गत लाभ लेने वाले लाभार्थियों द्वारा हस्ताक्षर व मुहर लगाकर हस्तलिखित बयान अंकित कर दिए गये और उनके आधार पर प्रमाणपत्र जारी किए गये |

कई लोगो के लिए जारी किए फर्जी प्रमाण पत्र

फतेहाबाद की तरह किरावली, बाह, एत्मादपुर, खेरागढ़ व सदर तहसील के अंतर्गत भी फर्जी प्रमाणपत्र बनने से जुड़ी आशंका है |

इस बारे में डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी द्वारा बताया गया कि सभी तहसीलों से जारी प्रमाणपत्रों की जांच होंगी |जहां से भी फर्जीवाड़ा सामने आएगा, सख्त कानूनी काईवाई की जाएगी |

कई लोगो के लिए जारी किए फर्जी प्रमाण पत्र: 

फतेहाबाद थाना में तहसील प्रशासन की ओर से दर्ज करवाये गए मुकदमे के अंतर्गत फर्जी प्रमाण पत्रों बनवाने वालों के नामों को दर्ज करवाया गया है |

फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर लड़ा गया चुनाव: 

फतेहाबाद एसडीएम अभय सिंह द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आरोपी बलवीर द्वारा वर्ष 2021-2022 में सबसे पहले अपना, पत्नी, पिता लक्ष्मी नारायण समेत 11 लोगों के प्रमाण पत्र बनवाये गये | जिनके आधार पर ग्राम प्रधान से विधानसभा का चुनाव लड़ा गया |

इस मामले के अंतर्गत अब लेखपाल राजीव कुमार और बलवीर सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है |