Agrafast: करोड़ो की कमाई के बावजूद नही हो पा रहा है ताजमहल का संरक्षण

Agrafast: करोड़ो की कमाई के बावजूद नही हो पा रहा है ताजमहल का संरक्षण |ताजमहल से जुड़े रखरखाव पर सवाल उठने लगे है। रॉयल गेट की दीवार पर सफेद संगमरमर में काले पत्थर से लिखी हुई कुरान की आयतों के पत्थर लगातार निकले जा रहे हैं।

एएसआइ को वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 के दौरान ताजमहल की टिकट बिक्री से करीब 91.23 करोड़ रुपये की आय अर्जित हुई थी। इस अवधि के दौरान ताजमहल के संरक्षण हेतु 9.41 करोड़ रुपये व्यय हुए थे।

ताजमहल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा जिस रॉयल गेट का संरक्षण करवाया जा रहा है, उसी की दीवार पर हो रही पच्चीकारी के पत्थर निकलकर बाहर आ रहे हैं। रॉयल गेट की दीवार पर सफेद संगमरमर में काले पत्थर से लिखी हुई कुरान की आयतों के पत्थर लगातार निकले जा रहे हैं। जिसके कारण एएसआइ द्वारा किए जा रहे स्मारक के रखरखाव सम्बन्धित कार्य पर सवाल उठ रहे हैं।

ताजमहल के अंतर्गत मुख्य मकबरे और रॉयल गेट पर कुरान की आयतें लिखी हुईं है। सफेद संगमरमर में काले पत्थर के टुकड़ों को लगाकर लिखी गईं आयतों से जुड़ी खास बात है इसमें नीचे से ऊपर तक देखने पर प्रत्येक अक्षर साफ-साफ़ पढ़ा जा सकता है।

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ताजमहल के अंतर्गत पच्चीकारी में आयतें लिखने सम्बन्धित काम शाहजहां द्वारा उस्ताद अमानत खां को सौंपा गया था। समय और मौसम की मार सहते-सहते अब पच्चीकारी से जुड़े पत्थर निकलकर बाहर आ रहे हैं। रॉयल गेट पर लिखी आयतों से जुड़ा एक फोटो सोमवार को इंटरनेट मीडिया में वायरल हुआ। इस फोटो में 2 स्थानों पर आयत के लेख में लगे हुए काले पत्थर अपनी जगह से बाहर निकले हुए दिख रहे हैं।

गेट से जुड़े संरक्षण का कार्य करवा रहा है भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण

एएसआइ का इस ओर कोई भी ध्यान नहीं है, जबकि विभाग रायल गेट से जुड़े संरक्षण का काम करा रहा है। रायल गेट की छतरियों के छज्जे के पत्थर, बुर्जियों के टेढ़े पड़े पिनेकल अभी के समय सही करवाये जा रहे हैं। फर्श के खराब हो चुके पत्थरों को भी बदला जा चुका है।

अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. राजकुमार पटेल के अनुसार मौसम की मार और समय बीतने के साथ मसाले की पकड़ कमजोर होने के कारण पच्चीकारी के पत्थर निकल जाते हैं। ताजमहल समेत अन्य दूसरो स्मारकों में भी ये आम समस्या है।

91.23 करोड़ की कमाई होने पर भी इमारत संरक्षित नही हो पाई

एएसआइ को वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 के दौरान ताजमहल की टिकट बिक्री से करीब 91.23 करोड़ रुपये की आय अर्जित हुई थी। इस अवधि के दौरान ताजमहल के संरक्षण हेतु 9.41 करोड़ रुपये व्यय हुए थे। ताजमहल की टिकट बिक्री से अर्जित आय भारत सरकार के खाते में जमा होती है। करोड़ों की कमाई के बाद भी ताजमहल से जुड़ी इमारत संरक्षित नहीं हो पा रही।